2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस : सबूतों के अभाव में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 आरोपियों को किया बरी

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मुंबई। वर्ष 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया है। इस मामले में 12 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट की ओर से इन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने विशेष टाडा न्यायालय की ओर से दोषी ठहराए गए सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। इनमें से 5 को मृत्युदंड और 7 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए उन्हें तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। यह फैसला 19 साल बाद आया है। न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति एस. चांडक की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूतों में कोई ठोस आधार नहीं था। कोर्ट ने सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने न केवल आरोपियों की अपील को स्वीकार किया, बल्कि राज्य सरकार की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें मृत्युदंड की मांग की गई थी। यह मामला 11 जुलाई 2006 का है, जब मुंबई की लोकल ट्रेनों में शाम के समय मात्र 11 मिनट के अंदर सात अलग-अलग जगहों पर सीरियल बम धमाके हुए थे।

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