कांग्रेस अब तक हरियाणा की हार को नहीं समझ पा रही है। उनकी गाड़ी अब तक हरियाणा की हार में ही अटकी हुई है तो दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी की गाड़ी बढ़कर महाराष्ट्र पहुंच चुकी है। पूरा फोकस इस बात पर है कि हरियाणा जैसी जीत झारखंड और महाराष्ट्र में कैसे दिलाई जाए। इसलिए आपको याद होगा कि हरियाणा जीतने के 24 घंटे के अंदर ही पीएम मोदी और महाराष्ट्र सरकार ने बैक-टू-बैक फैसले और ताबड़तोड़ बयानों से महाराष्ट्र चुनाव का रुख पलटना शुरू कर दिया। हरियाणा चुनाव के परिणाम आने के 24 घंटे तक तो राहुल गांधी सामने ही नहीं आए थे। दूसरी तरफ हरियाणा में जीत के 24 घंटे के अंदर ही पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के नेताओं का टारगेट सेट कर दिया। उन्हें हरियाणा से भी बड़ी जीत सुनिश्चित करने के लिए बूस्ट किया गया है। हरियाणा चुनाव की तरह की कांग्रेस की जाति की राजनीति को काटने के लिए पीएम मोदी ने हिंदुत्व का कार्ड चला। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए कनेक्ट होकर पीएम मोदी ने महाराष्ट्र सरकार को सात हजार 6 सौ करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की सौगात दे दी। यानी पीएम मोदी ने महाराष्ट्र में विकास और हिंदुत्व दोनों का एजेंडा एक साथ सेट कर दिया।
पिछले चार महीने में पीएम मोदी चार बार महाराष्ट्र का दौरा कर चुकेहैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी चुनावी तैयारियों का जायजा लेने और सीट शेयरिंग को फाइनल करने महाराष्ट्र का दौरा कर चुके हैं। बीजेपी गठबंधन के लिए महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव नाक का भी सवाल है। लोकसभा में यूपी के बाद सबसे ज्यादा सीटें महाराष्ट्र में ही है। बीजेपी को उम्मीद है कि हरियाणा की जीत का असर महाराष्ट्र पर भी दिखेगा और पीएम मोदी ने हरियाणा जीत के दिन कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ये कहा भी था। महाराष्ट्र में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था और बीजेपी की कोशिश होगी कि उसकी याद को नई जीत से मिटाया जाए। 

158 सीटें महाराष्ट्र में BJP के लिए लॉक हो गई! राहुल के जाति कार्ड को सुलगाने से पहले ही मोदी-फडणवीस ने चल दिया कौन सा बड़ा दांव?
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