महिलाओं को एक भाषा में, एक स्वर में और एक उद्देश्य के लिए बोलना चाहिए : उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी

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जयपुर। दुनिया भर में महिलाओं को एक जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि महिलाएं एकजुट होकर, एक स्वर और एक भाषा में बोलें, तो कोई भी ताकत उन्हें किसी भी क्षेत्र में अपने लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती। यह बात राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने आज जयपुर में आयोजित आईडब्ल्यूएन राजस्थान वुमन लीडरशिप समिट 2025 के छठे संस्करण के दौरान ‘सेलिब्रेटिंग ट्रांसफॉर्मेटिव लीडरशिप’ थीम पर एक सत्र में विशेष संबोधन के दौरान कही। समिट का आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) – इंडियन वुमन नेटवर्क (आईडब्ल्यूएन), राजस्थान चैप्टर द्वारा किया गया था।
दीया कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण की पहलों की सराहना की, जैसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और संसद में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे समाज में बदलाव की प्रेरक शक्ति बनें और वंचित वर्ग की महिलाओं को सरकारी योजनाओं और नीतियों का लाभ दिलाने में मदद करें।

उप मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के प्रयासों के लिए अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक सैन्य परिवार की बेटी होने के नाते, वह सेना के बलिदान और सेवा भाव को अच्छे से समझती हैं। इसके साथ ही, उन्होंने राजस्थान के विकास में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और सीआईआई की सक्रिय भागीदारी के साथ राइजिंग राजस्थान पहल को विकास का एक सफल मॉडल बताया।

एवीएसएम, वाईएसएम, वीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिण-पश्चिमी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की अहम भूमिका पर जोर दिया, खासकर हाल ही के ऑपरेशन सिंदूर में उनके नेतृत्व को उजागर करते हुए। विशेष रूप से, भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस ऑपरेशन की आधिकारिक ब्रीफिंग का नेतृत्व किया, जो भारत की सैन्य संचार इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनका नेतृत्व न केवल भारत की सैन्य ताकत को दर्शाता है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में लिंग समानता के प्रति देश की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है, जो यूनिफॉर्म में आने वाली पीढ़ी की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

प्रबंध निदेशक, राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन, IAS नेहा गिरी ने अपने धौलपुर कलेक्टर पद के दौरान छुआछूत खत्म करने के अपने प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने याद करते हुए बताया कैसे उन्होंने कार्यस्थल पर एक दलित महिला द्वारा दिया गया पानी पीकर जातिगत बाधाओं को तोड़ा। उन्होंने समाज में सोच बदलने की ज़रूरी आवश्यकता पर ज़ोर दिया, जिसमें पुरुष घर के काम में बराबर की जिम्मेदारी लें और बच्चों को छोटी उम्र से ही समानता और समावेशन का महत्व समझाया जाए।

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