दक्षिण अफ्रीका के कप्तान मारक्रम ने कहा- यह दिल को झकझोरने वाली हार है

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ब्रिजटाउन। टी20 विश्व कप के फाइनल में भारत के खिलाफ निराशाजनक हार को दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एडेन मारक्रम ने चुभने वाला करार देते हुए उम्मीद जतायी कि यह प्रदर्शन अगली बार टीम को बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा। जीत के लिए 176 रन का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम हेनरिच क्लासेन की 27 गेंद में 52 रन की पारी के दम पर 15वें ओवर के बाद बेहद मजबूत स्थिति में थी। टीम को आखिरी 30 गेंद में 30 रन की जरूरत थी लेकिन भारत ने शानदार वापसी करते हुए सात रन की रोमांचक जीत दर्ज की।

आखिरी ओवरों में जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या ने कमाल की गेंदबाजी की जबकि सूर्यकुमार यादव ने दबाव की परिस्थिति में कमाल का कैच लपका। इससे पहले विराट कोहली ने 76 रन की पारी खेल भारत को प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचाया। मारक्रम ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह क्रिकेट का पहला मैच नहीं है जिसमें 30 गेंदों में से 30 की जरूरत वाली टीम को हार का सामना करना पड़ा है। भारत ने अच्छी गेंदबाजी और कमाल के क्षेत्ररक्षण से शानदार वापसी की।’’

इस 29 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘अभी किसी एक चीज को हार का कारण बताना मुश्किल है। हम अगले कुछ दिनों में, अगले कुछ हफ्तों में इस बारे में विचार करेंगे, उन क्षेत्रों को ढूंढने का प्रयास करेंगे जिसमें हम आज के मैच के दौरान सुधार कर सकते थे। हम इसके साथ ही उन चीजों के बारे में भी सोचेंगे जो हमारे लिए वास्तव में अच्छा रहा है।’’ हार के गम के बावजूद मारक्रम को विश्व कप फाइनल में पहुंचने पर टीम के साथी खिलाड़ियों पर गर्व है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यह बात कहना चाहूंगा कि मुझे अपनी टीम के खिलाड़ियों पर काफी गर्व है। हम सिर्फ आज के प्रदर्शन से नहीं बल्कि टीम ने इस पूरे टूर्नामेंट और उससे पहले तैयारियों के दौरान शानदार प्रदर्शन किया है। ’’ मारक्रम ने कहा, ‘‘यह हार चुभने वाली है लेकिन इससे आने वाले टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए टीम की भूख बढ़ेगी।’’ मारक्रम ने स्वीकार किया कि क्लासेन के लिए इस तरह के ‘विशेष प्रयास’ के बाद इस परिणाम को पचा पाना मुश्किल होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने उसे दुनिया भर में कई बार ऐसा करते देखा है। इस तरह के मंच पर ऐसी पारी खेलना वास्तव में एक विशेष प्रयास है। उसके लिए इस हार को पचा पाना मुश्किल होगा।’’ भारतीय खिलाड़ियों की आंखों में जहां खुशी के आंसू थे, वहीं प्रोटियाज इससे टूट गए कि एक और बड़ा खिताब उनके हाथ से फिसल गया है। टीम पहली बार विश्व कप के फाइनल में पहुंची लेकिन आखिरी बाधा को पार नहीं कर सकी।

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