जयपुर। एसएमएस अस्पताल के नेत्र विभाग में आंख की रोशनी छीनने वाला वायरस कहां से आया, इसका पता अस्पताल प्रशासन एक सप्ताह बाद भी नहीं लगा पाया। इस स्यूडोमोनास वायरस ने इंफेक्शन से करीब 18 मरीजों का जीवन संकट में ला दिया था, जिसके बाद चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा से लेकर एसीएस शुभ्रा सिंह ने मामले की रिपोर्ट मांगी थी। आठ दिन बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन यह तक पता नहीं लगा पाया, आखिर मरीजों की रोशनी छीनने वाला खतरनाक संक्रमण आया कहां से। मामले के बाद से नेत्र रोग के सामान्य ऑपरेशन नहीं किए जा रहे है। ऐसे में सामान्य ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों की वेटिंग लिस्ट बढ़ रही है। हालांकि, मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य विभाग की एसीएस, साथ ही कमिश्नर ने दौरा किया था। इस दौरान एसीएस ने सामान्य ऑपरेशन वेटिंग वाले मरीजों को रैफर करवाने के निर्देश नेत्र रोग एचओडी डॉ. पंकज शर्मा को दिए गए थे, लेकिन निर्देश पर अमल नहीं हुआ।
अस्पताल प्रशासन ने लिए सवा सौ से अधिक सैंपल
माइक्रो बायोलॉजी लैब में स्यूडोमोनास संक्रमण की खोज के लिए अस्पताल प्रशासन ने तीन ओटी में से तकरीबन सवा सौ से अधिक सैम्पल लेकर कल्चर करवा चुका है, जिसमें से अधिकांश में कोई भी ग्रोथ नहीं मिली है, लेकिन फिर भी ओटी बंद है।
फिर से ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश
मरीजों की बढ़ती वेटिंग को देखते हुए एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा ने फिर से ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. बगरहट्टा ने बताया कि सवा सौ से अधिक सैंपल में से किसी में भी बैक्टीरियल संक्रमण की ग्रोथ नहीं मिली है। चिंता की बात है कि अभी तक सोर्स का पता नहीं लगा है। जल्द ही दूसरे ओटी में ऑपरेशन शुरू किए जाएंगे।